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प्रोजेक्ट - 1

कक्षा - 9,  विषय - विज्ञान

उद्देश्य: दूध तथा घी के विभिन्न नमूने लेकर, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा चीनी द्वारा उनमें वनस्पति घी की मिलावट का पता लगाना ।

आवश्यक सामग्री: दूध, घी, चीनी का चूर्ण, चम्मच, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), परखनली आदि।

सिद्धांत: खाद्य पदार्थों में अनेक पदार्थों को मिलाकर इन्हें सरलता से दूषित किया जा सकता है। साधारणतः खाद्य पदार्थों में उनकी कीमत को कम करने तथा भार को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रतिस्थापक पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो रंग या आकार में मूल पदार्थ के लगभग समान हों। कोई भी खाद्य-सामग्री उस स्थिति में मिलावटी घोषित कर दी जाती है, जब

(i) इसमें कोई ऐसा पदार्थ मिलाया जाए जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो।

(ii) इसमें कोई सस्ता पदार्थ पूर्ण या आंशिक रूप से मिलाया जाए।

(iii) इसमें कोई ऐसा पदार्थ मिलाया जाए जो इसकी गुणवत्ता को कम कर दे ।

कार्य विधि: दूध तथा घी में वनस्पति घी की मिलावट की पहचान हम निम्नलिखित विधियों द्वारा कर सकते हैं

(1) दूध में मिलावट की जांच करना:

(i) सर्वप्रथम एक साफ परखनली में 3 मिलीलीटर दूध लें।

(ii) अब इस परखनली में 10 बूंदें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) की डालें तथा फिर एक चम्मच चीनी के चूर्ण का मिलाएँ।

(iii) अब इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं।

(iv) अब परखनली को 5 मिनट के लिए  स्थिर रख दें।

(v)  5 मिनट बाद परखनली का निरीक्षण करें ।

परीक्षण: दूध में मिलावट।

निष्कर्ष: तीव्र लाल रंग का प्रकट होना, दूध में वनस्पति घी की मिलावट प्रदर्शित करता है।

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(2) घी में मिलावट की जांच करना:

(i) सर्वप्रथम एक परखनली में एक चम्मच  पिघला हुआ घी डालें।

(ii) अब इसमें इतनी ही मात्रा में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) डालें।

(iii) अब चीनी के कुछ दाने डालकर इस मिश्रण को 1 मिनट तक अच्छी तरह मिलाएँ।

(iv) परखनली को 5 मिनट के लिए  स्थिर रख दें।

(v) 5 मिनट बाद  परखनली का निरीक्षण करें।

परीक्षण: घी में मिलावट।

निष्कर्ष: गहरा लाल रंग तीव्रता से प्रकट होता है, जो कि वनस्पति की उपस्थिति दर्शाता है।

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परिणाम: उपरोक्त विवरण से दूध तथा घी में वनस्पति घी की मिलावट का पता लगाने की विधि के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।

संभावित त्रुटियां:

(i)  दूध या घी की जांच के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल उचित मात्रा में लेना चाहिए, अन्यथा त्रुटि की संभावना होती है।

(ii) प्रयुक्त चीनी पूर्णतः चूर्णित होनी चाहिए अन्यथा त्रुटि की संभावना होती है।

सावधानियां:

(i) प्रयोग में प्रयुक्त परखनली  स्वच्छ होनी चाहिए।

(ii) परीक्षण करते समय चीनी तथा सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) को उचित मात्रा में लेना चाहिए। परखनली  को स्थिर रखने के लिए प्रणाली स्टैंड का प्रयोग करना चाहिए।

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