प्रयोग - 1 (C)
कक्षा - 9, विषय - विज्ञान
उद्देश्य: जल में स्टार्च का और जल में अंडे के सफेद तरल भाग का कोलाइडी विलयन तैयार करना और उनमें पारदर्शिता, निस्यंदन कसौटी तथा स्थिरता के आधार पर अंतर करना।
आवश्यक सामग्री: आसुत जल, परखनलियां, स्टार्च, अंडे का सफेद भाग, स्टैंड, बीकर, कांच की छड़ तथा फिल्टर पेपर आदि।
सिद्धांत: कोलाइडी विलयन का एक विष्मांगी विलयन है। यह न तो पारदर्शी होता है और न निलंबन के समान धुंधला। इसके कारण यह फिल्टर पेपर द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है और न ही ये निस्रावित होते हैं।
कार्य विधि: एक बीकर में लगभग 50 ml जल लेकर हल्का गर्म करें। अब ठंडे जल में स्टार्च की लेई बनाकर इसमें डाल दें और कांच की छड़ से चलाकर मिला दें ताकि यह भली-भांति फैल जाए। बीकर पर लेबल लगाकर “स्टार्च का कोलाइडी विलयन” लिखें। एक परखनली में अंडे का सफेद भाग 2 ml लें। इसमें 20 ml जल डालें। विलयन को अच्छी प्रकार से हिलाएं। अंडे की सफेदी का जल में कोलाइडी तैयार है। दोनों कोलाइडी विलयनों को दो अलग-अलग परखनलियों में डालें तथा आर-पार देखें। दोनों विलयन ही पारभासी हैं। फिल्टर पेपर द्वारा दोनों विलयनों को फिल्टर करें और नोट करें कि कोई अवशेष रहता है या नहीं। अपने परीक्षणों को दर्ज करें। अब दोनों विलयनों को कुछ देर तक बिना हिलाए-डुलाए छोड़ दें। कोलाइड की स्थिति में कोई अवशेष नीचे नहीं बैठता है।
प्रेक्षण:
(i) पारदर्शिता: विलयन में आर-पार साफ दिखाई नहीं देता है। अतः कोलाइडी विलयन पारभासी है।
(ii) निस्यंदन कसौटी: फिल्टर करने पर कोई अवशेष नहीं बचता है। अतः कोलाइडी के घटक फिल्ट्रेशन द्वारा अलग नहीं किए जा सकते।
(iii) स्थिरता: विलयन स्थिर है, क्योंकि तलछट नीचे नहीं बैठता है। अतः कोलाइडी स्थाई है।
निष्कर्ष: स्टार्च तथा अंडे का सफेद भाग जल में निश्चित होकर कोलाइडी विलयन बनाते हैं।
सावधानियां:
(i) परखनली साफ होनी चाहिए।
(ii) आसुत जल का प्रयोग करें।
(iii) आसुत जल की उचित मात्रा लेनी चाहिए।
(iv) स्टार्च का कोलाइडी विलयन बनाने के लिए हल्के गर्म जल का उपयोग करें।
(v) कांच की छड़ से बीकर से न टकराए।