गति
कक्षा - 9, अध्याय - 8, विषय - विज्ञान
प्रश्न 1. गति तथा गति के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: गति: यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ साथ परिवर्तन आता है तो यह स्थिति परिवर्तन ही गति कहलाता है।
उदाहरण: जैसे कि सड़क पर चलते हुए वाहनों की गति, मैदान में दौड़ते हुए खिलाड़ी, आकाश में उड़ते हवाई जहाज की गति,
अतः हम यह भी कह सकते हैं कि यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ-साथ परिवर्तन नहीं आता है तो वस्तु की अवस्था विराम अवस्था कहलाती है
गति दो प्रकार की होती है
(i) एकसमान गति
(ii) असमान गति
(i) एकसमान गति: "यदि कोई वस्तु एक निश्चित समय अंतराल में एक समान दूरी तय करती है तो उसकी गति को एक समान गति कहते हैं।"
उदाहरण: यदि कोई कार 1 घंटे में 90 km की दूरी तय करती है तथा दूसरे घंटे में भी 90 km की दूरी तय करती है तो कार की चाल एक समान गति कहलाएगी।
(ii) असमान गति: "यदि कोई वस्तु समान समय अंतराल में असमान दूरी तय करती है तो उसकी गति असमान गति कहलाएगी।"
उदाहरण: यदि कोई कार प्रथम 1 घंटे में 90 km तथा दूसरे 1 घंटे में 80 km की दूरी तय करती है तब कार की चाल असमान गति कहलाएगी।
असमान गति दो प्रकार की होती है
(i) त्वरण गति
(ii) मंदन गति
(i) त्वरण गति: "यदि किसी वस्तु की गति समय के साथ साथ लगातार बढ़ती रहे तो वह गति त्वरण गति कहलाएगी।"
(ii) मंदन गति: "यदि किसी वस्तु की गति समय के साथ साथ लगातार घटती रहे तो वह गति मंदन गति कहलाएगी।"
प्रश्न 2. वेग क्या होता है यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर: "किसी गतिमान वस्तु द्वारा एक समय में निश्चित दिशा में चली गई दूरी अर्थात विस्थापन को वेग कहते हैं।"
इसे v से प्रदर्शित करते हैं। वेग एक सदिश राशि है, इसका मात्रक मीटर/ सेकंड होता है।
वेग (v) = निश्चित दिशा में तय की गई दूरी (s) / समय अंतराल (t)
वेग पांच प्रकार के होते हैं
(i) एकसमान वेग या अचर वेग
(ii) असमान वेग या अस्थिर वेग
(iii) औसत वेग
(iv) तत्क्षणिक वेग
(v) सापेक्ष या निरपेक्ष वेग
(i) एकसमान वेग या अचर वेग: "यदि कोई गतिशील वस्तु किसी निश्चित दिशा में एक समान समय में समान रूप से विस्थापित होती है तो उसका वेग एक समान वेग कहलाता है।"
(ii) असमान वेग या अस्थिर वेग: "यदि कोई गतिशील वस्तु किसी निश्चित दिशा में समान समय अंतराल में असमान रूप से विस्थापित होती है तो वस्तु का वेग असमान वेग कहलाता है।"
(iii) औसत वेग: "किसी गतिमान वस्तु के कुल विस्थापन को समय अंतराल से विभाजित करने पर औसत वेग प्राप्त होता है।"
औसत वेग = कुल विस्थापन (𝚫x) / समय अंतराल (𝚫t)
जहां, 𝚫x = गतिमान पिंड का विस्थापन, 𝚫t = विस्थापन में लगा समय है।
यदि वस्तु का वेग निश्चित दिशा में एक समान दर से परिवर्तित हो रहा है, तो
औसत वेग=( प्रारंभिक वेग + अंतिम वेग) / कुल समय
(iv) तत्क्षणिक वेग: "किसी गतिमान पिंड का किसी निश्चित क्षण पर वेग तत्क्षणिक वेग कहलाता है।"
अथवा किसी क्षण पर अत्यंत सूक्ष्म समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय किए गए अत्यंत सूक्ष्म विस्थापन तथा अल्प समयान्तराल के अनुपात को वस्तु पर तात्कालिक या तत्क्षणिक वेग कहते हैं।
(v) सापेक्ष तथा निरपेक्ष वेग: "जब दो वस्तुएं एक ही समय पर भिन्न-भिन्न वेग से गतिमान होती हैं, तो एक वस्तु के सापेक्ष दूसरी वस्तु का वेग सापेक्ष वेग कहलाता है। यदि दोनों वस्तुओं में से एक वस्तु स्थिर है तथा दूसरी वस्तु गतिमान है, तो दूसरी वस्तु का वेग निरपेक्ष वेग कहलाएगा।"
प्रश्न 3. दूरी तथा विस्थापन से आप क्या समझते हैं दूरी तथा विस्थापन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: दूरी: किसी गतिशील वस्तु द्वारा किसी समय में तय की गई लंबाई उस वस्तु द्वारा चली गई दूरी कहलाती है दूरी एक अदिश राशि है। इसे मीटर में व्यक्त किया जाता है।
विस्थापन: किसी गतिशील वस्तु की प्रारंभिक एवं अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी वस्तु का विस्थापन कहलाती है विस्थापन एक सदिश राशि है इसका मात्रक मीटर होता है।
दूरी तथा विस्थापन में अंतर
प्रश्न 4. त्वरण से आप क्या समझते हैं यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर: त्वरण: गतिमान पिंड के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं इसे a से प्रदर्शित करते हैं आता है।अतः
त्वरण = (वेग में परिवर्तन) / (परिवर्तन में लगा समय)
यदि किसी पिंड का प्रारंभिक वेग u है तथा समय अंतराल t के पश्चात वेग v हो जाता है, तो पिंड की गति में उत्पन्न त्वरण,
a = (v - u) / t
त्वरण एक सदिश राशि है इसका SI मात्रक मी./ से² होता है, त्वरण चार प्रकार के होते हैं।
(i) एकसमान त्वरण
(ii) असमान त्वरण
(iii) धनात्मक त्वरण
(iv) ऋणात्मक त्वरण
(i) एकसमान त्वरण: यदि किसी गतिशील वस्तु के वेग में समान समय अंतराल में समान परिवर्तन होता है तो वस्तु की गति में उत्पन्न त्वरण एकसमान त्वरण होगा।
उदाहरण: पृथ्वी की सतह की ओर स्वतंत्रता पूर्वक गिरते हुए किसी पिंड की गति में उत्पन्न त्वरण (g) एकसमान त्वरण होता है।
(ii) असमान त्वरण: यदि समान समय अंतराल में किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन भिन्न-भिन्न हो तो वस्तु की गति में उत्पन्न त्वरण असमान त्वरण होता है।
उदाहरण: सड़क पर वाहनों की गति।
(iii) धनात्मक त्वरण: यदि गतिशील वस्तु के वेग में समय के साथ निरंतर वृद्धि हो रही हो तो वस्तु की गति में उत्पन्न त्वरण धनात्मक त्वरण होगा।
उदाहरण: पृथ्वी की ओर गिरती हुई वस्तु जैसे-जैसे नीचे की ओर आती है उसका वेग बढ़ता जाता है अतः यह त्वरण धनात्मक त्वरण कहलाता है।
(iv) ऋणात्मक त्वरण: यदि किसी गतिशील वस्तु के वेग में समय के साथ निरंतर कमी हो रही हो तो वस्तु की गति में उत्पन्न त्वरण ऋणात्मक त्वरण होगा। ऋणात्मक त्वरण ही मंदन कहलाता है।
उदाहरण: ऊपर की ओर फेंकी हुई कोई वस्तु जैसे जैसे ऊपर की ओर जाती है उसका वेग घटता जाता है।
प्रश्न 5. समान त्वरित गति के समीकरण बताइए
उत्तर: एक समान त्वरण से गतिमान किसी वस्तु के प्रारंभिक वेग, उसके द्वारा तय की गई दूरी तथा एक निश्चित समय के बाद उसके वेग व एक समान त्वरण के मध्य पारस्परिक संबंधों को जिन समीकरणों द्वारा व्यक्त किया जाता है समान त्वरित गति के समीकरण कहलाते हैं। यह निम्न प्रकार के होते हैं,
(i) प्रथम समीकरण v = u + at
जहां u पिंड का प्रारंभिक वेग, v पिंड का अंतिम वेग, a त्वरण तथा t समय है।
(ii) द्वितीय समीकरण s = ut+(½) at²
जहां, s गतिमान पिंड द्वारा तय की गई दूरी है।
(iii) तृतीय समीकरण v² = u² + 2as
जहां s गतिमान पिंड द्वारा तय की गई दूरी, a त्वरण, u पिंड का प्रारंभिक वेग तथा v पिंड का अंतिम वेग है।
किसी विशेष समय में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी: गतिमान वस्तु द्वारा n वें सेकंड में तय की गई दूरी
s = u + ½ a (2n - 1)
प्रश्न 6. दूरी-समय ग्राफ से आप क्या समझते हैं।
उत्तर: दूरी-समय ग्राफ: समय के साथ किसी वस्तु की स्थिति परिवर्तन को दूरी-समय ग्राफ द्वारा व्यक्त किया जाता है। इस ग्राफ में समय को X-अक्ष और दूरी को Y-अक्ष पर प्रदर्शित किया जाता है। दूरी-समय ग्राफ का प्रयोग वस्तु की चाल ज्ञात करने के लिए भी किया जा सकता है। जिसको निम्न प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता है।
(i) एक समान चाल से गतिमान किसी वस्तु का दूरी-समय ग्राफ समय अक्ष से न्यूनकोण बनाते हुए एक सरल रेखा होती है।
(ii) असमान चाल से चलती हुई किसी गतिमान वस्तु का दूरी-समय ग्राफ एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा अथवा कोई वक्र होता है।
(iii) विराम अवस्था में किसी वस्तु का दूरी-समय ग्राफ समय अक्ष के समांतर एक सरल रेखा होता है।
प्रश्न 7. विस्थापन-समय ग्राफ से आप क्या समझते हैं।
उत्तर: विस्थापन-समय ग्राफ: भिन्न-भिन्न समय पर किसी गतिमान वस्तु के विस्थापन (किसी निर्देश बिंदु के सापेक्ष) व समय के बीच के ग्राफ को, विस्थापन-समय ग्राफ कहते हैं।
(i) एक समान वेग से गतिमान किसी वस्तु का विस्थापन-समय ग्राफ समय अक्ष से न्यूनकोण बनाती हुई एक सरल रेखा होती है।
(ii) असमान वेग से गतिमान किसी वस्तु का विस्थापन-समय ग्राफ एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा अथवा कोई वक्र होता है।
(iii) किसी स्थिर वस्तु का विस्थापन-समय ग्राफ, समय अक्ष के समांतर रेखा होती है।
प्रश्न 8. वेग-समय ग्राफ से आप क्या समझते हैं।
उत्तर: वेग-समय ग्राफ: समय के साथ वस्तु के वेग में परिवर्तन को वेग-समय ग्राफ द्वारा व्यक्त किया जाता है। इस ग्राफ में समय को X-अक्ष पर और वेग को Y-अक्ष पर लेते हैं।
(i) जब कोई वस्तु एकसमान वेग से गतिमान होती है, तो समय के साथ वेग-समय ग्राफ की ऊंचाई में कोई परिवर्तन नहीं होता और यह X-अक्ष के समांतर एक रेखा होती है।
(ii) एक समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ एक सरल रेखा होती है। एक समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ में एक समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ समय-अक्ष से न्यूनकोण बनाती हुई एक सरल रेखा होती है।
(iii) (a) जब किसी वस्तु की गति में असमान त्वरण होता है, तब उसका वेग अनियमित रूप से बदलता है तथा वेग-समय ग्राफ एक वक्र प्राप्त होता है।
(b) असमान त्वरित गति की स्थिति में वेग समय ग्राफ टेढ़ी-मेढ़ी रेखा भी हो सकती है।