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जीवों में विविधता

कक्षा - 9, अध्याय - 7, विषय - विज्ञान

प्रश्न 1. हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?

उत्तर: पृथ्वी पर अनेक प्रकार के जीव पाए जाते हैं। उनका वर्गीकरण जीवों के अध्ययन को आसान करता है। हम सभी प्रकार के जीवन को एक बार में जान सकते हैं। इससे जीवों के पारस्परिक संबंधों का भी पता चलता है।

प्रश्न 2. अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।

उत्तर: पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवों की अनेक आकृतियां हैं जैसे - सूक्ष्मदर्शी जीवाणु, 30 मीटर लंबी व्हेल, 100 मीटर लंबे रेडवुड वृक्ष आदि। पाइनस वृक्ष सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहते हैं जबकि कुछ कीट जैसे मच्छरों का जीवनकाल कुछ दिनों में ही समाप्त हो जाता है। कुछ जीव रंगहीन होते हैं, कुछ पारदर्शी एवं कुछ पक्षी अनेक रंगों में पाए जाते हैं। पुष्पों के भी अनेक रंग होते हैं। 

प्रश्न 3. जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है? 

उत्तर: जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण उनकी कोशिका संरचना होती है।

प्रश्न 4. जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया है?

उत्तर: जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए निवास स्थान को आधार बनाया गया है।

 

प्रश्न 5. किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है?

उत्तर:  जंतुओं और वनस्पतियों को निम्नलिखित आधार पर एक दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है- 

(i) कोशिकीय संगठन के आधार पर। 

(ii) कोशिका भित्ति के आधार पर। 

(iii) पोषण क्रिया के आधार पर। 

प्रश्न 6. आदिम जीव किसे कहते हैं? यह तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर: एक कोशिकीय जीव आदिम जीव हैं। यह उन्नत जीवों से कोशिकीय संगठन तथा कार्यों में भिन्न होते हैं। उन्नत जीवों का संगठन जटिल होता है तथा इनमें श्रम विभाजन पाया जाता है।

प्रश्न 7. क्या उन्नत जीवों और जटिल जीव एक होते हैं?

उत्तर: हां, क्योंकि जटिलता विकास के साथ बढ़ती है।

प्रश्न 8. वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या के जीवों को रखा जाएगा?

उत्तर: समूह जगत (किंगडम) में सबसे अधिक जीव होते हैं तथा समूह जाति (स्पीशीज) में सबसे कम जीव होते हैं क्योंकि जगत वर्गीकरण का सर्वोच्च स्तर है जबकि जाति निम्नतम स्तर है। 

प्रश्न 9. मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या है?

उत्तर: एक कोशिकीय मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जीवधारियों को पोषण के आधार पर दो समूहों में बांट सकते हैं-

(i) स्वपोषी 

(ii) परपोषी

जैसे- मोनेरा के अंतर्गत स्वपोषी नीले-हरे शैवाल और परपोषी जीवाणु तथा प्रोटिस्टा के अंतर्गत स्वपोषी शैवाल, डाएटम  और परपोषी प्रोटोजोआ जन्तु आते हैं।

 

प्रश्न 10. जीवाणुओं को पाँच जगतों में से कौन से जगत में रखा जाता है और क्यों?

उत्तर: जीवाणु असीम केन्द्रकीय होते हैं, अतः इन्हें जगत मोनेरा में रखा जाता है। 

प्रश्न 11. प्रकाश संश्लेषण करने वाले एक कोशिक यूकैरियोटी जीव को किस जगत में रखेंगें?

उत्तर: प्रोटिस्टा जगत में।

प्रश्न 12. कवक अपना भोजन स्वयं क्यों नहीं बना पाते हैं?

उत्तर: कवकों में पर्णहरित नहीं होता है, अतः ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं।

प्रश्न 13. सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है?

उत्तर: थैलोफाइटा वर्ग में।

 

प्रश्न 14. टेरिडोफाइट और फैनरोगैम में क्या अंतर है?

उत्तर: टेरिडोफाइट्स में लिंगी जनन छिपा हुआ होता है। इनमें पुष्प तथा बीजों का निर्माण नहीं होता है। इसके विपरीत फैनेरोगैम्स में पुष्प तथा बीजों का निर्माण होता है, अर्थात लिंगी जनन स्पष्ट होता है।

प्रश्न 15. एक ऐसे जंतु का उदाहरण दीजिए, जिसमें दंश कोशिकाएं पाई जाती हैं।

उत्तर: संघ सीलेण्ट्रेटा के जंतु हाइड्रा में दंश कोशिकाएं पायी जाती हैं।

प्रश्न 16. उस संघ का नाम बताइए जिसके जंतुओं का शरीर समखण्डों में बँटा रहता है।

उत्तर: संघ एनीलिडा के जंतुओं का शरीर समखण्डों में बँटा रहता है।

प्रश्न 17. केंचुए का वैज्ञानिक नाम बताइए।

उत्तर: केंचुए का वैज्ञानिक नाम फेरीटिमा पाॅस्थ्यूमा है।

प्रश्न 18. किसी एक ऐसे संघ का नाम बताइए जिसमें खुला रुधिर परिसंचरण तंत्र होता है।

उत्तर: संघ आर्थोपोडा में खुला रुधिर परिसंचरण तंत्र होता है।

प्रश्न 19. मूत्राशय में पाई जाने वाली पेशी का नाम लिखिए।

उत्तर: मूत्राशय में अरेखित या अनैच्छिक पेशी पाई जाती है।

प्रश्न 20. कौन सी पेशियांँ बिना थके तथा निरन्तर जीवन पर्यंत काम करती रहती हैं?

उत्तर: हृद पेशियांँ जो हृदय में होती हैं, जीवन पर्यंत तथा निरंतर बिना थके कार्य करती रहती हैं।

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